李廷馣 시
陶明乘化後 誰契此君襟
疏枝靑玉挺 密葉翠雲深
雪見孤臣節 風驚遠客心
不須尋嶰谷 龍向此中吟
도연명이 돌아간 뒤에 누가 대나무와 마음 맺었나
성근 가지는 푸른 옥처럼 뛰어나고 무성한 잎은 비취 구름처럼 우거졌네
눈 속에서 외로운 산하의 절개를 보고 바람 불어 먼 객의 마음 놀라게 하네
해곡을 찾아갈 필요 없는데 용이 이 속에서 읇조리고 있으니
번호 | 제목 | 날짜 | 조회 수 | 추천 수 |
---|---|---|---|---|
140 | 懷素 自敍帖 | 2019.03.11 | 161 | 0 |
139 | 懷素 草書千字文 - part II | 2019.02.17 | 107 | 0 |
138 | 懷素 草書千字文 | 2019.01.20 | 186 | 0 |
137 | 연하장 | 2018.11.15 | 117 | 1 |
136 | 李邕 李思訓碑體 | 2018.10.16 | 157 | 0 |
135 | 李邕 麓山寺碑體 | 2018.10.16 | 162 | 1 |
134 | 王羲之 蘭亭序體 | 2018.09.20 | 130 | 1 |
133 | Aoi Ike, Hokkaido | 2018.09.17 | 113 | 3 |
132 | An Indonesian Boy | 2018.09.17 | 2681 | 1 |
131 | 二友圖 | 2016.11.22 | 266 | 11 |
130 | 소나무 | 2016.11.22 | 212 | 4 |
129 | 국화 | 2016.11.22 | 158 | 4 |
128 | 청 서령인사기 - 전서 | 2016.11.20 | 277 | 5 |
127 | 청 임석고문 - 전서 | 2016.11.20 | 327 | 7 |
126 | 三友圖 | 2016.11.14 | 123 | 9 |
125 | 蘭 | 2016.11.10 | 458 | 9 |
124 | 이이 종국월과 | 2016.11.07 | 437 | 7 |
123 | 맹자 - 전서 | 2016.11.01 | 189 | 6 |
122 | 竹 | 2016.10.31 | 110 | 8 |
121 | 먼 것은 가까운 것이 쌓인 것이다. | 2016.10.30 | 183 | 10 |